नरेन्द्र कुमार जॉर्नलिस्ट,
नई दिल्ली: संजय कुमार सैन, डीसीपी सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के कार्यालय से मिली जानकारी में बताया कि ऑपरेशन “विराम” के अंतर्गत थाना करोल बाग द्वारा उल्लेखनीय कार्य 04 किलोग्राम सोना और 80 हजार रुपये की आपराधिक धोखाधड़ी में शामिल तीन आरोपियों को थाना करोल बाग की टीम ने किया गिरफ्तार।
मामला: 10 मई 23 को नई दिल्ली पूसा रोड निवासी सुनील अनेजा,ने थाना करोल बाग में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया उनका कर्मचारी अपू भुनिया उर्फ ऋषि पुत्र देबदु लाल जोकि महत्वपूर्ण कागजात, और 80,000/- रुपये ले जा रहा था। उनके गुड़गांव कार्यालय डीएलएफ से नकद और चार सोने की ईंटें (प्रत्येक एक किलोग्राम की।) पूसा रोड, करोल बाग,नई दिल्ली स्थित उनके कार्यालय में अपने प्रबंधक को सौंपने के लिए। गंतव्य पर पहुंचने पर,कर्मचारी ने ड्राइवर को बाहर इंतजार करने के लिए कहा और कागजात, नकदी और चार सोने की ईंटें लेकर गायब हो गया। संपर्क करने की कई कोशिशों के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो सका। शिकायतकर्ता सुनील अनेजा, की शिकायत पर थाना करोल बाग में मामला दर्ज किया गया। और जांच एसआई विक्रम सिंह को सौंपी गई।
जांच के दौरान आरोपी व्यक्ति की उसके स्थानीय गांव के साथ-साथ उसके पैतृक गांव यानी ग्राम नैपुर, मणिनाथपुर, पताशपुर- I, मेदिनीपुर में भी तलाशी ली गई। प.बंगाल लेकिन वह फरार पाया गया। चूंकि आरोपी अपु भुनिया उर्फ हर्ष माथुर उर्फ ऋषि ऑनलाइन साइबर तकनीक का कोर्स कर रहा था, इसलिए उसने न तो अपने पुराने मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया और न ही अपने मोबाइल हैंडसेट का इस्तेमाल किया।
उसके सभी सोशल अकाउंट यानी फेस बुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सअप, ई-मेल आईडी इत्यादि का विवरण प्राप्त किया गया और निगरानी में लिया गया। उसके रिश्तेदारों, दोस्तों और लड़कियों के दोस्तों से पूछताछ की गई और उसके बारे में जानकारी एकत्र की गई और उसका विश्लेषण किया गया। 10 जुलाई 23 को उसकी गर्लफ्रेंड ने बताया कि आरोपी ने उसे इंस्टाग्राम पर कॉल किया. इस सूचना पर तुरंत आरोपी की इंस्टाग्राम डिटेल, आईपीडीआर और सीडीआर मंगाई गई और उसका नया मोबाइल नंबर हासिल किया गया। और तकनीकी निगरानी में पता चला कि आरोपी देहरादून, उत्तराखंड में रह रहा है।
थाना करोल बाग के इंस्पेक्टर दीपक मलिक, SHO के नृर्तव में एसआई विक्रम सिंह, हैडकांस्टेबल मोनू कुमार, हैडकांस्टेबल मनोज और हैडकांस्टेबल पंकज सहित टीम गठन किया। ए.के.सिंह, एसीपी करोल बाग के करीबी देखरेख में आरोपी को पकड़ने के लिए देहरादून, उत्तराखंड में टीम को भेजा गया। लगातार चार दिनों के कठिन प्रयासों के बाद आखिरकार आरोपी को एक पीजी में ढूंढ लिया गया, उसके बाद छापेमारी की गई और 16 जुलाई 23 को आरोपी अपु भुनिया उर्फ हर्ष उर्फ ऋषि को देहरादून, उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ करने पर उसने अपराध करना स्वीकार कर लिया। उसने आगे खुलासा किया कि उन्होंने ग्राम नाइपुर, मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल स्थित अपने घर में तीन सोने की ईंटें गाड़ रखी हैं। आरोपी अपू भुनिया ने आगे और खुलासा किया कि उसने अपने एक दोस्त दिल्ली के अक्षय रस्तोगी उर्फ शानू विनोद नगर, मंडावली, निवासी को एक सोने की ईंट (1 किलो) दी थी। आरोपी अपु भुनिया,को 06 दिन की पीसी रिमांड पर लिया गया।
इंस्पेक्टर कैलाश, एटीओ/करोल बाग की देखरेख में एसआई विक्रम सिंह, हैडकांस्टेबल मनोज, हैडकांस्टेबल पंकज सहित, पुलिस टीम को आरोपी अपू भुनिया उर्फ ऋषि के पैतृक गांव भेजा गया। आरोपी अपू भुनिया, के घर से तीन सोने की ईंटें (3-किलो सोना) बरामद की गईं, जिसे पश्चिम बंगाल में उसकी रसोई में दफनाया गया था। इसके बाद एसआई साहिल सागवान, एएसआई जितेंद्र हैडकांस्टेबल निरंजन, कांस्टेबल राजेश की एक अलग टीम बनाई गई और दूसरे आरोपी अक्षय रस्तोगी को भी पकड़ लिया गया।
उसने खुलासा किया कि उसने उक्त सोने की ईंट (1 किलोग्राम) अपने दोस्त शोएब पुत्र इकराम निवासी चौहान की बिल्डिंग, दूसरी मंजिल, भूस वाली गली, गाज़ीपुर डेयरी, निवासी को दी थी। इसके बाद सह-आरोपी शोएब को भी पकड़ लिया गया। लगातार पूछताछ करने पर दोनों आरोपियों ने अपराध करना कबूल कर लिया। शोएब ने आगे खुलासा किया कि उसने उक्त सोने की ईंट एक जौहरी को बेच दी थी। शोएब से 6 लाख रुपये और आरोपी अक्षय रस्तोगी से 10 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। दोनों सह-अभियुक्तों ने मुख्य आरोपी को फरार होने में मदद की और उसे नया सिम कार्ड दिलवाया। आरोपी शोएब ने अपना घर और आभूषण बनाने में पैसा खर्च किया और अपने पिता को सौंप दिया। तीनों आरोपी पी/सी रिमांड पर हैं। आगे की पूछताछ की जा रही है।
आरोपियों के कब्जे से बरामद।
3 किलो सोना
17 लाख नकद
आई-फोन, मैक बुक, 35 जोड़ी ब्रांडेड कपड़े, 08 जोड़ी ब्रांडेड जूते, गूगल, गैजेट्स, ब्रांडेड घड़ियाँ आदि
आगे की जांच जारी है और बरामदगी और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।