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खुद को भारतीय वायु सेना का विंग कमांडर बताने वाला फर्जी विंग कमांडर IGI एयरपोर्ट स्टाफ के शिकंजे में।

ByThe Dainik Khabar

Oct 15, 2022

नरेन्द्र कुमार,

नई दिल्ली: डीसीपी तनु शर्मा, आईजीआई एयरपोर्ट से मिली जानकारी में बताया कि 12 अक्तूबर 2022 को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) की ओर से आईजीआई हवाई अड्डे पर एक शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि फिरोज गांधी नामक एक व्यक्ति ने 11 अक्तूबर को खुद को भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर के रूप में घोषित करते हुए बीसीएएस कार्यालय से संपर्क किया।

उसने अपने हवाई अड्डा प्रवेश पास (एईपी) के नवीनीकरण के लिए बीसीएएस से संपर्क किया था। उनका आवेदन बीसीएएस को प्राप्त हुआ और यह निर्णय लिया गया कि एईपी आवेदन को सीएसीएस (सेंट्रलाइज्ड एक्सेस कंट्रोल सिस्टम) बायोमेट्रिक पोर्टल पर भारतीय वायु सेना के माध्यम से भेजा जाना चाहिए।

आरोपी के पास पहले से ही एक वैध एईपी पास था, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त किया गया था, जिसे उसने एयरोड्रम एंट्री पास हासिल करने के लिए ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) कार्यालय में जमा किया। आगे भारतीय वायु सेना से सत्यापन के दौरान आवेदक फिरोज गांधी की साख संदिग्ध पाई गई। बीसीएएस ने भारतीय वायु सेना के अधिकारियों को इस घटना के बारे में सूचित किया और 12 अक्तूबर को जब वह अपना पास लेने आया तो उसे पकड़ लिया गया। उसके पास से भारतीय वायु सेना (डायरी आदि) की आपत्तिजनक सामग्री मिली। बाद में प्रतिरूपणकर्ता को पुलिस स्टेशन आईजीआई हवाई अड्डे को सौंप दिया गया और मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।

अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी से गहन पूछताछ की गई और बाद में उसे जालसाजी मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए आरोपी फिरोज गांधी उम्र 40 वर्ष ताज एन्क्लेव, गीता कॉलोनी, निवासी ने और खुलासा किया कि वह नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के एयर विंग में एयरो-मॉडलिंग के रूप में शामिल हुआ था। 2005 में इंस्ट्रक्टर और 2018 तक वहीं काम किया। वह हमेशा वायु सेना अधिकारी की वर्दी पर खुश होते थे और उन्होंने विवेकपूर्वक अपने लिए एक वायु सेना की आधिकारिक वर्दी तैयार करवाई थी।

2019 में उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बीसीएएस से अपना एयरोड्रम एंट्री पास तैयार करवाया यानी खुद को वायु सेना के विंग कमांडर के रूप में पेश किया। बीसीएएस एईपी पास नवंबर 2022 तक वैध था। पकड़े जाने पर वह एईपी पास का नवीनीकरण कराने के लिए बीसीएएस के कार्यालय आया था। अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान, यह भी पता चला है कि आरोपी ने खुद को भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त विंग कमांडर के रूप में प्रतिरूपित किया, और वर्तमान में अनुबंध के आधार पर बाल भवन, विकास मार्ग, नई दिल्ली में संपर्क अधिकारी के रूप में कार्यरत था।

टीम ने उसके परिसर की तलाशी के दौरान विभिन्न अधिकारियों के 19 टिकट, 02 भारतीय वायु सेना के अधिकारियों की वर्दी, कैंटीन कार्ड और अन्य कार्ड सहित 04 कार्ड, भारतीय वायु सेना के 03 डायरी भी बरामद किए गए। इसके अलावा उनके पास से वाहन नंबर भी मिला DL14- CD-3361 भारतीय वायु सेना के स्टिकर और विभिन्न सरकार के वाहन पास। एजेंसियां। फिलहाल आरोपी पुलिस रिमांड पर है और आरोपी से संयुक्त पूछताछ की जा रही है। इन जाली दस्तावेजों और टिकटों के स्रोत का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। मामले की आगे की जांच जारी है।

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