नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: हरेंद्र सिंह डीसीपी बाहरी जिला, कार्यालय से जानकारी में बताया कि मंगोलपुरी इलाके में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर स्पेशल स्टाफ, आउटर डिस्ट्रिक्ट ने इस मामले में शामिल कुल 13 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और इनके कब्जे से, 13 मोबाइल फोन, 01 लैपटॉप और 12 रजिस्टर बरामद किए गए।
घटना,18 मई 23 को मंगोल पुरी क्षेत्र में फर्जी कॉल सेंटर संचालित किये जाने की गुप्त सूचना स्पेशल स्टाफ, बाहरी जिला को प्राप्त हुई। सूचना प्राप्त होने पर एएसआई राज कुमार, एएसआई यशवीर, हैडकांस्टेबल नवीन 706/ओडी, हैडकांस्टेबल मोहित 1104/ओडी, हैडकांस्टेबल विकास 144/ओडी, हैडकांस्टेबल दिनेश 2063/ओडी, महिला हैडकांस्टेबल पूजा 3452/ओडी, इंस्पेक्टर परवीन कुमार, स्पेशल स्टाफ,के नेर्तत्व में एक समर्पित टीम, गठित किया गया अरुण कुमार, एसीपी, ऑपरेशन जानकारी के अनुसार, टीम ने दिल्ली के मंगोलपुर कलां मकान नंबर 403, गली नंबर 25बी में छापेमारी की, जहां 13 लोग फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। थाना मंगोल पुरी में मामला दर्ज कर सभी 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और 13 मोबाइल फोन (सुलेखा ऐप से कॉल प्राप्त करने के लिए उपयोग किए जाने वाले मोबाइल फोन सहित), 01 लैपटॉप और लोगों को धोखा देने के लिए इस्तेमाल किए गए 12 रजिस्टर जब्त किए गए।
निरंतर पूछताछ के दौरान, आरोपी पुनीत (कॉल सेंटर के मालिक) ने खुलासा किया कि उसने खुद को सुलेखा ऐप पर ऑनलाइन मोड के माध्यम से महालक्ष्मी फाइनेंस के रूप में पंजीकृत किया था। उनके मोबाइल पर सुलेखा एप के जरिए कर्ज लेने वाले ग्राहकों के कॉल आते थे। सुलेखा एप से मोबाइल नंबर मिलने के बाद आरोपी पुनीत अपने कर्मचारियों द्वारा टेली कम्युनिकेशन के जरिए ग्राहकों को कॉल करता था वे ग्राहकों से कम ब्याज दर पर कर्ज लेने का आग्रह करते थे और प्रोसेसिंग फीस और फाइल चार्ज के रूप में पैसे लेकर उनसे ठगी करते थे।
आरोपी पुनीत और राहुल इस गिरोह के मास्टरमाइंड हैं और पिछले दो सालों से फर्जी बिजनेस लोन और पर्सनल लोन देकर लोगों को ठग रहे थे,उन्होंने फर्जी बैंक खाते भी खोले हैं और धोखाधड़ी के उद्देश्य से विभिन्न फर्जी सिम कार्डों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने लोन दिलाने के नाम पर पूरे भारत के लोगों को धोखा दिया है।
आगे जांच चल रही है।