नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: सफदरजंग अस्पताल ने अपने नाम एक और उपलब्धि हासिल की है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ अतुल गोयल के विजन के अनुरूप केंद्र सरकार के अस्पतालों में जल्द से जल्द बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करने के लिए चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीएल शेरवाल और ओएसडी डॉ वंदना तलवार सफदरजंग अस्पताल में अपनी बहुप्रतीक्षित बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट का उद्घाटन किया।
डॉ.शेरवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रमुख अस्पतालों में से एक सफदरजंग अस्पताल में बीएमटी यूनिट खुलने से सभी गरीब मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे पहले दिल्ली में ब्लड कैंसर और अन्य कैंसर के मरीजों के लिए बनी सरकारी व्यवस्था में सिर्फ एम्स में ही यह सुविधा दी जाती थी। एसजेएच केंद्र सरकार का पहला अस्पताल है जहां निजी अस्पतालों में 10-15 लाख की लागत के मुकाबले मरीज को नगण्य लागत पर बीएमटी की सुविधा उपलब्ध होगी।
बीएमटी एक ऐसी प्रक्रिया है जहां एक स्वस्थ दाता का रक्त या मज्जा रोगी के अस्वास्थ्यकर रक्त बनाने वाली कोशिकाओं (स्टेम सेल) को स्वस्थ स्टेम कोशिकाओं से बदल देता है जो बाद में लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स का निर्माण करती हैं। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण स्वयं के शरीर (ऑटोलॉगस ट्रांसप्लांट) या डोनर (एलोजेनिक ट्रांसप्लांट) से कोशिकाओं का उपयोग कर सकता है।
यह प्रत्यारोपण योग्य रोगियों में किया जाता है और विशेष रूप से रक्त कैंसर, लिम्फोमा, मल्टीपल मायलोमा रोगियों और कुछ जन्मजात बीमारियों में एक आवश्यक उपचार प्रक्रिया है। इस अवसर पर अतिरिक्त एमएस भी शामिल थे। प्रत्यारोपण डॉ.कौशल कालरा और डॉ.मुकेश नगर के तहत मेडिकल ऑन्कोलॉजी की टीमों द्वारा किया जाएगा, डॉ जे एम खुंगेर और डॉ सुमिता चौधरी के तहत हेमेटोलॉजी की टीमों द्वारा किया जाएगा।