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दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौ. ब्रह्मप्रकाश के गांव से ग्रामीणों ने अधिकारों के लिए हुंकार भरी।

ByThe Dainik Khabar

Oct 2, 2022

नरेन्द्र कुमार,

नई दिल्ली: दिल्ली के गांवों पर बेबुनियाद थोपे जा रहे कानून व नियमों और ग्रामीणों को अधिकारों से वंचित रखने के विरोध और गांवों को हक दिलाने की मांग के संबंध में दिल्ली ग्राम पंचायत संघ, दिल्ली प्रदेश के बैनर तले आज दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री चौ. ब्रह्मप्रकाश के पैथृ‌क गांव शकूर पुर में पंचायत हुई।

इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि देश आजाद हुए 75 वर्ष हो चुके है और पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन दिल्ली के गांवों एवं ग्रामीणों की स्थिति देखकर यह नहीं लग रहा है कि देश आजाद हो चुका है। ग्रामीणों की स्थिति गुलाम देश के निवासियों जैसी है। उन पर अंग्रेज शासन की तरह कानून थोपे जा रहे है। पंचायत की अध्यक्षता चौ. श्रीनंबरदार प्रधान ने की।

पंचायत में संघ के प्रमुख थानसिंह यादव ने ग्रामीणों की 18 सूत्री मांग संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस मौके पर पूर्व सांसद चौ. तारीफ सिंह, पूर्व मंत्री देवेंद्र शौकीन, ओबीसी आयोग के पूर्व चेयरमैन चौ. चतर सिंह के अलावा संघ के प्रमुख व 360 खाप के सुरेश शौकीन, पंच प्रमुख सुनील शर्मा, शिव कुमार यादव, प्रो. आरबी सोलंकी आदि विचार व्यक्त किए, वहीं प्रसिद्ध समाजसेवक करण यादव ने ग्रामीणों की मांगों को उचित ठहराते हुए उनका समर्थन किया।

दिल्ली बाल्मीकि समाज के अध्यक्ष रणबीर बिड़लान ने भी पंचायत के मुद्दों का समर्थन किया। पंचायत में पास किए गए प्रस्ताव में सभी गांवों को मालिकाना हक देने, गांवों में तुरंत हाउस टैक्स नोटिस देने बंद किए जाए, गांवों को नगर निगम के सभी टैक्सों, संपत्ति कर, कन्वर्जन चार्ज, पार्किंग चार्ज आदि से मुक्त किया जाए, नगर निगम के भवन उप नियम से गांवों को बाहर रखा जाए, गांवों को व्यवसाय श्रेणी में रखा जाए, ताकि ग्रामीणों की आजीविका चल सके, सभी गांवों में पार्किंग के लिए जगह छोड़ी जाए, गांवों के छात्र छात्राओं को गैर सरकारी व सरकारी स्कूलों व कॉलेजों में शत-प्रतिशत दाखिला दिया जाए,

गांवों के युवाओं को दिल्ली सरकार की सभी नौकरियों में शत प्रतिशत जगह की जाए, गांवों के भूमिहीन व गरीबों को मकान दिए जाए, गांवों की पहचान खत्म न की जाए और नगर निगम वार्डो, विधान सभा क्षेत्रों के नाम गांवों के नाम से किए जाए, गावों में सील की गई संपत्तियों को डीसील किया जाए, गावों में भवमंजिला भवन निर्माण की छूट दी जाए, गांवों की वर्षों पहले अधिकृत कृषि भूमि जिसका आज तक उपयोग में नहीं लाया गया वह किसानों को वापस दी जाए,

लैंड पूलिंग पॉलिसी वापिस ली जाए, सर्कल रेट बढ़ाया जाए और इसके तहत अधिकृत भूमि का मुआवजा दिया जाए, म्यूटेशन जल्द से जल्द शुरू की जाए, गांवों की ग्राम सभा कृषि भूमि को अधिग्रहण से बाहर रखा जाए, इस भूमि को ग्रामीणों की सुविधा के लिए इस्तेमाल किया जाए और सभी गांवों की चारों तरफ 100 फुटा रास्ता छोड़ने की मांग की गई।

पंचायत में संघ के प्रमुख व 360 खाप के सुरेश शौकीन ने सरकार से इन मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाही करने के लिए आग्रह किया है। साथ ही चेतावनी दी कि कार्रवाही न होने पर पंचायत संघ कर्तव्य पथ तक मार्च निकालने और नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा के समक्ष अपना मांग पत्र रखने के लिए बाध्य होगा।

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