नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम को महाभ्रष्ट विभाग का तमंगा ऐसे ही नही दिया जाता, बल्कि उसकी सार्थकता को भी सिद्ध करना पड़ता है। दिल्ली हाकर्स वेलफेयर एसोसिएशन (पंजी.) ने निगम में जारी इस महा खेल की लिखित शिकायत दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना को लिखित रूप से भेजी है।
जिसमें निगम के प्रशासनिक आफिसर सीईडी मनीष कुमार के दिनांक 22 सितम्बर 2022 के लिखित आदेश में 96 अधिकारियों के तत्काल ट्रांसफर आदेश के लिखित आदेश के बावजूद अभी तक अधिकतर अधिकारी दक्षिणा अपने उच्चाधिकारियों को चढाकर मलाईदार पदों पर चिपके बैठे हैं। एसो. के प्रधान एच.एस.रावत ने उपराज्यपाल को लिखे अपने शिकायती पत्र में उल्लेख करते हुए सदर पहाड़गंज जोन में तैनात नीरज कुमार पुत्र श्री गणेशी लाल (जेएसए) का स्थानांतरण सिटी एसपी जोन से सामान्य विभाग CAMO/CNZ में किया था।
स्थानांतरण पत्र में क्रमांक संख्या 12 पर उनका नाम भी है, लेकिन करीब एक महीना बीत जाने के बावजूद भी वो अभी तक ऊपरी पहुंच के चलते यही डटा हुआ है, इतना ही नही जोन के डीसी,एसी की कृपा दृष्टि पूरी तरह से इन कमाऊं पूत पर है जिसे स्टाफ की कमी का हवाला देकर आदेशो की धज्जियां उडाकर यहां जमा कर बैठाया गया है। श्री रावत ने कहा, कि ये तो सिर्फ एक नीरज कुमार का खेला है, जबकि 96 स्थानांतरण आदेश में से मुश्किल से डेढ दो दर्जन अधिकारियों को इधर उधर किया गया है।
हालांकि हाल ही में 13 अक्टूबर 2022 के सर्कुलर के अनुसार जिन लोगों ने नई पोस्टिंग नही ली है,उनका वेतन रोकने का फरमान भी है, इसके बावजूद नीरज कुमार पुत्र गणेशीलाल आज भी मोरी गेट में इसी जोन के अंतर्गत ड्यूटी दे रहा है। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल से कड़ी मांग की है, कि सरकारी आदेशों की धज्जियां उडाने वाले बडे व भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस जांच कराकर निगम की छवि को दागदार करने वाले डीसी,एसी आदि अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई हो।