नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: इंस्पेक्टर गौरव चौधरी के नेतृत्व में सेंट्रल रेंज, क्राइम ब्रांच की एक टीम जिसमें एसआई ऋषि कुमार, एसआई यशपाल, एएसआई मुनव्वर खान, एएसआई अरुण पाल, हैडकांस्टेबल अंकुर, हैडकांस्टेबल अनूप, हैडकांस्टेबल अश्वनी, हैडकांस्टेबल प्रवीण और हैडकांस्टेबल समंदर सहित,टीम गठन किया गया।
डीसीपी राकेश पावरिया, सेंट्रल रेंज क्राइम ब्रांच,के मार्गदर्शन में, एसीपी पंकज अरोड़ा, सेंट्रल रेंज, क्राइम, की देखरेख में अपराधियों को पकड़ने के लिए एक ऑपरेशन चलाया और इरफान उर्फ छेनू गैंग के दो कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया।
ऑपरेशन: एक विशिष्ट इनपुट के आधार पर, टीम द्वारा जी.टी. करनाल रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली में टीम द्वारा एक जाल बिछाया गया और शास्त्री पार्क की तरफ से आने वाले और मलका गंज की तरफ जाने वाले वाहनों पर पैनी नज़र रखी गई।चैकिंग के दौरान एक अर्टिगा कार को रोका गया जिसमें दो संदिग्ध व्यक्ति बैठे थे। पुलिस की छापेमारी को भांपते हुए कार से उतर कर दोनों व्यक्ति वहाँ से भागने लगे।
तुरंत पुलिस हरकत में आई और संदिग्ध व्यक्तियों का पीछा किया गया और पुलिस टीम द्वारा उन्हें धर दबोचा। जिनकी पहचान मोहम्मद इमरान उर्फ बड़ा इमरान, उम्र 41 वर्ष और दूसरा अब्दुल रहमान उम्र-38 वर्ष के रूप में बताई गई। पकड़े गए दोनो व्यक्तियो की गहन तलाशी लेने पर उनके कब्जे से तीन जिंदा कारतूसों से भरी एक सेमी- ऑटोमैटिक पिस्तौल और एक जिंदा कारतूस से भरी एक देसी पिस्तौल बरामद हुई।
पूछताछ के दौरान आरोपी हाजी इमरान उर्फ बड़ा ने खुलासा किया कि वह वर्ष 2010 में अपराध के क्षेत्र में आया और इरफान उर्फ छेनू गैंग में शामिल हो गया। वर्ष 2011 में वह गैंगस्टर इरफान उर्फ छेनू के साथ पूर्वी जिले में डकैती के एक मामले में शामिल था। इसके अलावा, वर्ष 2017 में जब छेनू और नासिर के बीच गैंगवार चल रहा था, तो उसने इरफान उर्फ छेनू के साथ मिलकर दो हत्याएं कीं, जिसमें एक वाजिद की और दूसरी आरिफ (क्षेत्र के कुख्यात अपराधी) की, एक जाफराबाद थाना क्षेत्र में और दूसरी भजनपुरा थाना क्षेत्र में। इन दोनों हत्या मामलों में उसे गिरफ्तार किया गया और वह करीब साढ़े तीन साल तक न्यायिक हिरासत में रहा। वर्ष 2022 में वह जेल से बाहर आया और अब्दुल रहमान को अपने साथ शामिल कर लिया।