नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: DCW “दिल्ली महिला आयोग” की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इंस्टाग्राम पर एक महिला के साथ घरेलू हिंसा का वीडियो वायरल होने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को एक पत्र लिखा है। एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी के ऊपर निर्मम रूप से घरेलु हिंसा करते हुए वीडियो को देखकर स्वाति मालीवाल ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया। यह वीडियो कर्नाटक के बेंगलुरु का बताया जा रहा है।
वीडियो में एक महिला और एक बच्चे को जन्मदिन की पार्टी मनाते हुए देखा जा सकता है, तभी वह आदमी अपनी पत्नी पर चिल्लाना शुरू कर देता है और उसके साथ बेरहमी से मारपीट करने लगता है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्चा अपनी मां को पिता द्वारा पिटते देखकर वह भी अपनी माँ की पिटाई करने लगता है। पिता द्वारा माँ को मारने का नकारात्मक प्रभाव बच्चे पर देखा जा सकता है, जो इस कम उम्र में न केवल हिंसा के संपर्क में था, बल्कि शायद इसे सामान्य और जरुरी मानने लग रहा था।
वीडियो में दावा किया गया है कि वह व्यक्ति बैंगलोर में एक आईटी कंपनी में काम करता है और वहां रहता है। इसके अलावा पत्नी द्वारा सोशल मीडिया पर एक नया वीडियो पोस्ट किया गया है, जिसमें उसने कहा है कि वह पिछले कुछ सालों से अपने पति से अलग रह रही है। उसने बताया है कि उसने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया है लेकिन उसने आरोप लगाया है कि पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और उसके पति को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया।
इसके अलावा, उसने बताया कि उसके पति ने उसे तलाक देने से भी इनकार कर दिया है जबकि उसने दूसरी शादी कर ली है और उसको इस शादी से एक बच्चा भी है। आदमी ने उसे उसका सामान वापस देने से भी इनकार कर दिया है और उसके और उसके परिवार के खिलाफ कई मानहानि के मामले दर्ज करवा दिए हैं। उसने मदद की अपील की है क्योंकि वह आदमी उसे रोजाना प्रताड़ित कर रहा है।
स्वाति मालीवाल ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से पीड़िता की मदद के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने सिफारिश की है कि इस मामले में कानून की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और यदि पहले ही एफआईआर दर्ज है, तो मामले की फिर से जांच की जानी चाहिए और अगले 48 घंटों के भीतर उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
उन्होंने सिफारिश की है कि पीड़िता को मुआवजा और मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जानी चाहिए ताकि वह अदालत में अपना मामला लड़ सके और साथ ही पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ आरोपी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले भी लड़ सकें। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि पीड़िता और उसके बच्चे की ठीक से काउन्सलिंग की जानी चाहिए ताकि वे बेहतर ढंग से इस प्रताड़ना से निबट सकें और साथ ही महिला और बच्चे को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, “घरेलू हिंसा का एक बहुत ही परेशान करने वाला वीडियो हमारे संज्ञान में आया है। घरेलू हिंसा एक गंभीर अपराध है जो देश में लाखों महिलाओं को प्रभावित करता है। महिला और उसके परिवार के सामने आ रही परेशानियों को देख कर देश में महिलाओं की सुरक्षा करने वाले कानूनों के क्रियान्वयन की सच्चाई का पता चलता है। महिला पिछले कई सालों से न्याय के लिए भटक रही है। मैं राज्य से इस तरह के अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने और मामले में अनुकरणीय कार्रवाई की दिशा में काम करने का आग्रह करती हूं।”