• Sat. Nov 23rd, 2024

मीडियाकर्मियों को तनाव मुक्ति के लिए ब्रह्माकुमारीज के सेंटर से अच्छी जगह कोई नहीं।…..राजीव निशाना,

ByThe Dainik Khabar

Oct 9, 2022

नरेन्द्र कुमार,

नई दिल्ली: आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मीडिया प्रभाग द्वारा पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों हेतु “आंतरिक सशक्तिकरण” कार्यशाला का आयोजन ब्रह्माकुमारीज के स्थानीय डेरेवाल नगर सेवाकेंद्र पर आज किया गया। यह कार्यशाला संस्था द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रीय अभियान “समाधान परक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर” का हिस्सा है।

यूएनआई के प्रधान संपादक अजय कौल ने कहा कि मीडिया में अन्तरवलोकन होना बेहद आवश्यक है क्यूंकि कई बार कुछ समाचार जो भृमित करते है उनकी फैक्ट चैकिंग होना जरूरी है क्यूंकि मीडिया बहुत शक्तिशाली है और उसके नुकसान की संभावना भी बहुत है अतः न्यूज़ और व्यूज़ के अंतर को स्पष्ट रूप से समझना होगा और निश्चित रूप से इसके लिए सही आत्म निरिक्षण ज़रूरी है। ये आत्म निरिक्षण की शक्ति हमें राजयोग मेडिटेशन से प्राप्त होता है।

विशिष्ठ अतिथियों में से डीयू पत्रकारिता विद्यालय के निदेशक प्रो. जे.पी. दुबे* ने कार्यशाला के आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि हमें चेतना का उपयोग स्वयं के, समाज के और देश के उत्थान के लिए करना चाहिए।

इंटरएक्टिव बीज़ प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक बीके मोनिका गुप्ता, ने स्लाइड्स के जरिये बताया कि इस शारीर रूपी रथ को चलाने वाली आत्मा है, और जब आत्मा शारीर से निकल जाती है तो शारीर अर्थी अर्थात बिना रथी के बन जाता है। उन्होंने बताया कि मन में उत्पन्न विचारों से कैसे हम अपने व्यक्तित्व और भाग्य का निर्माण कर सकते है। इसके लिए आत्मा को परमात्मा को याद कर विचारों को शुद्ध और शुभ बनाना होगा।

निस्कोर्ट मीडिया गाज़ियाबाद की प्रधानाचार्या प्रो. रितु दुबे तिवारी, ने कहा कि मीडिया विश्व के लिए एक एहम हिस्सा है। मीडिया को तन, मन और सामाजिक रूप से निरोगी रहना होगा, बदलना सीखने से उपयोगी बनना होगा तथा निरोगी, उपयोगी के साथ साथ सहयोगी बनना होगा तब ही हम समाज और देश को कुछ दे पाएंगे।

भारतीय महिला प्रेस कोर्प्स, नई दिल्ली की अध्यक्ष सुश्री शोभना जैन, ने कहा कि मीडिया की समाज और देश में क्या भूमिका है इसके लिए आत्ममंथन और आत्मचिंतन की जरुरत है और इसके लिए ब्रह्माकुमारीज बहुत अच्छी तरह अपने अंदर झाकने और आत्मा व परमात्मा की पहचान दे रही है।

इंडियन मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव निशाना, ने कहा कि मीडियाकर्मी ज्यादातर तनाव में रहते हैं ऐसे में उन्हें तनाव मुक्त होने के लिए सप्ताह में एक बार ध्यान करना चाहिए उसके लिए ब्रह्माकुमारीज के सेंटर से ज्यादा अच्छी जगह कोई नहीं। साथ ही निशाना ने कहा स्वच्छ पत्रकारिता के लिए सभी पत्रकारों को एक होकर आवाज उठानी चाहिए।

डी डी न्यूज़ के संपादक मनीष वाजपेयी, ने सबसे पहले नारद जी का जिक्र करते हुए कहा कि समस्या के अंदर ही समाया का समाधान छिपा होता है । साथ ही कहा कि मीडिया का काम है ऐसे मध्यस्ता करना जिससे समाज एवं राष्ट्र का हित हो।

राजयोगिनी ब्रह्माकुमरी लता, ने सभी मीडिया जनो को परमात्मा का परिचय देते हुए बताया कि परमात्मा एक है वो सर्वशक्तिवान है, सर्वज्ञ है, वो निराकार ज्योतिरूप है जो सर्वधर्ममान्य है, जिसका यथार्थ नाम शिव है जो सर्वप्रिय है, साथ ही सभी को राजयोग मेडिटेशन के अर्थ और उसकी विधि से अवगत कराते हुए कुछ मिनिट राजयोग का अभ्यास भी कराया।

ब्रह्माकुमरीज के मीडिया प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बी के सुशान्त ने कार्यशाला के विषय का स्पष्ट करते हुए कहा कि हम सभी एक एक मीडिया हैं। मीडिया में देने की भावना से ही शक्ति का संचार होगा। मात पिता, समाज, परिवार ने जो हमे दिया है वो उन्हें हमने वापिस देना है, दिवाली का दिया प्रतीक है सर्व ज्योतियों के परमज्योति परमात्मा से लेना और समाज और संसार को देते रहना इसे ही मेडिटेशन कहते हैं।

उन्होंने कहा हमारा इंटेंट ही हमारे कंटेंट को परिभाषित करता है। यधपि मीडिया समाज सुधारक नहीं किन्तु मीडिया तटस्थ भी नहीं हो सकता। मेडिटेशन के आधार पर अपनी अंतर शक्ति को जागृत करके मीडिया समाज सुधार हेतु बेहतर सुझाव अवश्य दे सकता है। आत्मा का अध्ययन करना अध्यात्मिकता है जिसमे अंतर्रात्मा को जानकर परमात्मा जो शक्ति के सागर है से जुड़कर स्वयं को सशक्त करते है तो समाज के सुधार के सुझाव प्रस्तुत कर सकते है, अगर मीडिया में उत्कृष्टता को प्राप्त करना है तो आध्यात्मिक को आधार बनाना होगा।

आशीर्वचन देते हुए *कार्यक्रम की आयोजक एवं ब्रह्माकुमारी संस्था के दिल्ली और यूपी, रूस और बाल्टिक देश में सेवाकेन्द्रों की निर्देशिका राजयोगिनी बी के चक्रधारी* ने बताया की यदि समस्या घर की हो तो उसे घर का मुखिया ठीक करता, ग्राम, शहर, जिले, राज्य या देश की हो तो उसका मुखिया ठीक करता परन्तु यदि समस्या वैश्विक हो तो उसे विश्व का मुखिया अर्थात परमात्मा ही आकर सुधारते है। और ये पापाचार, भ्रष्टाचार, दुराचार आदि वैश्विक समस्याएं है ।

इस अवसर पर *इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के महासचिव परमानंद पांडे, अखिल भारतीय लघु समाचार पत्र संघ, लखनऊ के अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी एवं भारतीय प्रेस काउंसल की सदस्य आरती त्रिपाठी* ने भी अपने विचार रखे तथा मोटिवेशनल स्पीकर और मेमोरी ट्रेनर (वर्ल्ड गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर) डॉ.अदिति सिंघली ने मंच सञ्चालन किया तथा बी के गणेश जोशी ने सभी का स्वागत किया तथा स्कूल विद्यार्थियों ने नशा मुक्ति पर स्किट एवं मनोज खुशनुमा ने राष्ट्र भक्ति पर कविता पाठ किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *