नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: “दिल्ली महिला आयोग” की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली की जामा मस्जिद में महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले हालिया दिशानिर्देशों को लेकर जामा मस्जिद के शाही इमाम को नोटिस जारी किया है। आयोग ने मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की मीडिया रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लिया। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की जामा मस्जिद के प्रवेश द्वार पर एक नोटिस लगाया गया है, जिसमें कहा गया है, “जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाख़ला मना है”। बोर्ड मस्जिद में उन महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाता है जो पुरुष साथियों के साथ नहीं हैं।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने शाही इमाम को भेजे अपने नोटिस में महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने की कड़ी सिफारिश की है। आयोग ने जामा मस्जिद में ‘बिना पुरुष साथियों के’ महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाने का कारण पूछा है। आयोग ने महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के विवरण के साथ साथ किसी मीटिंग में निर्णय लिए जाने की स्थिति में मीटिंग की कार्यवाही की प्रति मांगी है। इसके अलावा, आयोग ने प्रतिबंध को हटाने के लिए अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जानकारी मांगी है। आयोग ने शाही इमाम से 28.11.2022 तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, “दिल्ली में जामा मस्जिद एक ऐतिहासिक मस्जिद है और महिलाएं सदियों से बिना किसी प्रतिबंध के धार्मिक परम्पराओं को करने के लिए वहां जाती रही हैं। महिलाओं को स्वतंत्र रूप से मस्जिद में प्रवेश करने और उसका पालन करने से रोकना अत्यधिक भेदभावपूर्ण है। पूजा स्थल बिना किसी लिंगभेद के सभी के लिए खुला होना चाहिए। ऐसा आदेश स्पष्ट रूप से स्त्री विरोधी है और भारत के संविधान की भावना के खिलाफ है। इन दिशा-निर्देशों को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। हमने मामले में नोटिस जारी किया है और कार्रवाई करेंगे।”