नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: (विशेष संवाददाता) राजधानी दिल्ली से लगे हरियाणा में आगामी कुछ महीनों में चुनाव होने हैं।आलम ये है, कि राज्य में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री नायाब सैनी के वापस सत्ता में आने का मार्ग कठिन होता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण है। कि आम लोगों के कामों के निपटारे के लिए सरकारी अधिकारियों की तैनाती महीनों से अटकी पड़ी है। जिस कारण लोगों में नायाब सैनी सरकार के खिलाफ खासी नाराजगी देखने को मिल रही है।
नरवाना में पिछले छह से आठ महीनों के बीच तहसीलदार की नियुक्ति ना होने से लघु सचिवालय में जमीनो मामलो से संबंधित निपटारन हजारों मामले लंबित पड़े हैं। इन मामलों से जुड़े खासतौर पर बुजुर्ग लोग भयंकर गर्मी और चिपचिपी बरसात में आकर यहां सुबह से शाम तक धक्के खाकर निकल जाते हैं।आलम ये है, कि उचाना तहसीलदार को अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने के कारण नरवाना के लोग उपेक्षित हो रहे है।
भले ही क्षेत्र के लिए राज्य सरकार अपनी उपलब्धियां गिनवाने में लगा हो, लेकिन जमीनी हकीकत ये है, कि नरवाना के लघु सचिवालय में तहसीलदार की नियुक्ति ना होने से इस क्षेत्र में आगामी चुनावों में भाजपा की जीत के मार्ग में कांटो का रास्ता बनता नजर आएगा। नरवाना लघु सचिवालय में आए लोगों में सैनी सरकार के खिलाफ खासा रोष देखने को मिल रहा है।