नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली: देश-विदेश में बिना केमिकल वाले कृषि आर्गेनिक उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। भारतीय किसानों की मेहनत और सरकार के सपोर्ट की वजह से भारत दुनिया का सबसे बड़ा ऑर्गेनिक एक्सपोर्टर बन गया है। हालांकि दुनिया में भारतीय ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग की वजह से नॉन ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग पर भी असर आने लगा है, इसकी वजह से ऑर्गेनिक फसलों पर एक विशेष लॉबी सवालिया निशान खड़े करने में लगी है।
सूत्रों के मुताबिक, एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेसड फूड प्रोडक्टस एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने देश के बड़े चावल एक्सपोर्टस के दवाब में ऑर्गेनिक चावल उगाने वाले किसानों को परेशान करना शुरु कर दिया है। एपीडा के अधिकारी स्थानीय दफ्तर या एफपीओ को बिना जानकारी के गांव-गांव जाकर किसानों को डरा धमका रहे हैं और उनकी झूठी रिपोर्ट सीधा एपीडा चेयरमैन अभिषेक देव को भेज रहे हैं।
दरअसल सरकार ने देश में चावल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था। इसकी वजह से सफेद चावल एक्सपोर्टस के पुराने क्लाइंट्स ऑर्गेनिक चावल एक्सपोर्ट करने वालों पर शिफ्ट होने लगे थे। अपने क्लाइंट्स के खोने के डर से भारत के ऑर्गेनिक कृषि उत्पादकों के खिलाफ विभिन्न चावल एक्सपोर्टर्स ने लॉबी कर उनके खिलाफ शिकायतें करवाई हैं और उनके एक्सपोर्ट को रुकवा दिया है।