नरेन्द्र कुमार,
नई दिल्ली:18 सितंबर 2022 को अक्षरा थिएटर, गोल मार्केट दिल्ली मे साय 5 बजे एवं 7 बजे हुआ नाटक की प्रस्तुति बेहद सराहनिए थी। नाटक, मिर्ज़ा साहब और उस के परिवार के आस पास घूमता है। कंजूस मिर्ज़ा की कंजूसी से उसके घर वाले बेहद परेशान रहते है। फारुख मिर्ज़ा का बेटा मरियम नाम की लड़की से मोहबत करता है लेकिन मिर्ज़ा बुढ़ापे मे उसी लड़की से निकाह करना चाहता है।
उधर मिर्ज़ा की बेटी अजरा भी नासिर से मोहबत करती है जो की अपनी पहचान बादल कर मोहोबत की खातिर मिर्ज़ा के घर नौकर बन के रहता है। बाप बेटे की तीखी नोक झोक दर्शको को हसने पर मजबूर करती है। फारुख मुफ़लसी मे जी रही मरियम की मदद करना चाहता है लेकिन कंजूस मिर्ज़ा की वझे से लाचार है। नाटक मे कई रोचक परीस्थितिया उत्पन होती है जो दर्शको का भरपूर मनोरंजन करती है।
नाटक के अंत मे सब समानय हो जाता है। राष्ट्रिय नाट्य विधालिया से सनातक गुलशन वालिया ने मिर्ज़ा के किरदार को जीवंत कर दिखाया उनका अभिनय मझा हुआ और सराहनिय था। साथी कलाकारो मे सतीश, जय गोपाल छाबरा, अभिषेख , रीतिका, सिमरन, सुमित, दविंदर, गायत्री मिश्रा , मंतरा ने भी अपने अपने किरदार को यादगार बनाया।
नाटक का निर्देशन गुलशन वालिया के किया। नाटका मे लाइट डिज़ाइन अविनाश देशपांडे जी मे की एवं नाटक का संगीत अभिनव और मंत्र ने किया। भूमिका रंगमंच ने पिछले 25 सालो मे देश मे कई नाटको का सफल मंचन किया एवं कई नाट्य कार्य शालाओ का आयोजन भी किया, नाटक का संगीत अभिषेक और मंत्रा ने प्रस्तुत किया।